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Showing posts from October, 2017

The Lord

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भगवान और उसका अस्तित्व.... आस्तिक और नास्तिक -    अधिकतर लोग भगवान के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं, कुछ लोग अस्वीकार करते हैं। जो भगवान में विश्वास करते हैं, आस्तिक कहे जाते हैं और जो नहीं करते उन्हें नास्तिक कह दिया जाता है। जो अधिकतर लोग भगवान में विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि इस सृष्टी का सृजन भगवान ने किया है। जबकि नास्तिक लोग इनसे सर्वथा पृथक मत रखते हैं। उनका मानना है कि, भगवान की उत्पति स्वयं मनुष्य ने ही की है। यह बात मानो अथवा न मानो, लेकिन सत्यता इससे बहुत परे भी नहीं है। इस पर कोई भी आस्तिक प्रश्न उठा सकता है कि, ऐसा कैसे हो सकता है कि भगवान की उत्पति मनुष्य ने की हो, बल्कि भगवान ने तो स्वयं इन मानवों की, यहाँ तक कि संपूर्ण सृष्टी की रचना की है। वो लोग (आस्तिक), इसके लिए तर्क भी दे सकते हैं। जो कुछ इस प्रकार से हो सकते हैं- यदि सृष्टी की रचना भगवान ने नहीं की तो, इसका निर्माण कैसे हुआ? इस संसार का Regulation इतना सुव्यवस्थित कैसे है? इसे कौन Control करता है?  कौन दिन-रात को इतना सुव्यवस्थित करता है, कि 24 hour के अंदर एक दिन का चक्र पूरा हो जाता है? सौरमण्

The Independence Day Special

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Jai Bhim to you all!! The Great tribute to the real heroes of the Indian freedom. मंचस्थ अतिथिगणों, अभिभावकों, अध्यापकों और मेरे प्रिय भाई-बहनों,  आप सभी को मेरी तरफ से सुबह का नमस्कार! आप सभी जानते हैं कि आज हम सब यहाँ क्यों एकत्र हुए हैं. हम यहाँ एकत्र हुए हैं, उस महान् पावन दिवस की याद में, जिसकी बदौलत आज हम इस खुली आबोहवा में साँस ले रहे हैं.  आज हम स्वतंत्रता दिवस मनाने को एकत्र हुए हैं. स्वतंत्रता! स्वतंत्रता अर्थात् कुछ भी करने की स्वतंत्रता, अपने विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कुछ भी कहने -बोलने की स्वतंत्रता, वो सभी स्वतंत्रता जो आज हमें मिली हुई है. आज हम कुछ भी अपने मन-माफिक कर पाते हैं. क्यों? क्योंकि आज हम स्वतंत्र हैं. एक वक्त था, जब हम अंग्रेज़ों के द्वारा गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए थे. उस समय हमें कुछ भी करने की स्वतंत्रता न थी. प्रत्येक कार्य उन फिरंगियों के इशारे पर करने पड़ते थे. यहाँ तक कि हम अपने अनुसार सोच भी नहीं सकते थे. जनता भारी कर के बोझ के तले दबी हुई थी. प्रत्येक भारतीय की हालत तंग थी. हमारे द्वारा दिया जाने वाला वो कर ब्रिटेन जा

BhimaKoregaon

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Thanks for visiting our site. ‘भीमा नदी’ के तट पर बसा गाँव...  ‘ भीमा – कोरेगांव ’ पुणे ( महाराष्ट्र ) की कहानी...  01 जनवरी 1818 का  ‘ठंडा’ दिन...  दो ‘सेनाएं’, आमने - सामने... बात उस समय की है जब भारत गणराज्य पर अंग्रेजों का आधिपत्य था. तब अछूत जातियों को कमर में झाड़ू और गले में हांडी लटकाई जाती थी, ताकि अछूतों के चलने से अपवित्र हुई धरती साफ होती रहे और अछूतों के पदचिन्हों पर ब्राह्मणों के पैर न पड़ सकें तथा अछूत धरती पर थूक कर इसे अपवित्र न कर सकें. वैसे तो महार बलवान और कद-काठी में सुडौल थे, मगर जब यदि किसी को सदियों से ही दमित किया जाता रहा हो वो भला कैसे विरोध कर सकेगा. इसलिए वो अपना सम्मान बचाना चाहते थे और दूसरी तरफ उसी समय अंग्रेज भारत में सत्ता स्थापित करने की फिराक में थे. तब अंग्रेज़ों की नजर महारों पर पड़ी, क्योंकि ये कद-काठी में सुडौल और निडर थे. इसलिए ब्रिटिश सेना में महारों को शामिल कर लिया गया. और उन्हें प्रशिक्षण दिया गया. अंग्रेज़ों की नजर पेशवाओं की सल्तनत पर थी, और वे ब्रिटिश राज कायम करना चाहते थे. अंग्रेज़ों ने पेशवाओं पर आक्रमण की तैयारी कर ली. लेकिन जब

Lord Rama and His Ramayana

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हम सभी जानते हैं कि, भगवान(?) राम ( हिन्दू धर्म के अनुसार विष्णु के अवतार) का जन्म अयोध्या नामक स्थान पर रघुकुल (सूर्यवंशी) में राजा दशरथ के घर में त्रेतायुग में हुआ था। राजा राम जिन्हें पुरुषोत्तम की उपाधि प्राप्त है ( हालांकि पुरुषों में उत्तम कैसे हैं, इसके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं है) उनके राज्य में प्रजा बहुत सुख पूर्वक जीवन व्यतीत कर रही थी, लेकिन उन्हीं पुरुषोत्तम ने पता नहीं क्यों अपनी गर्भवती पत्नी को घर से निकाल दिया। शायद पत्नी ने कुछ गलती की हो, अन्यथा राजा राम तो न्यायप्रिय पुरुषोत्तम थे ही ; वो क्यों अपनी ही पत्नी को निकालते?? हालांकि मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहुंगा, क्योंकि ये उनका निजी घरेलू झगड़ा था! लेकिन फिर भी किसी को भी राजा राम पर अंगुली उठाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वो भगवान हैं, पुरुषोत्तम हैं! राम ने अवतार क्यों लिया हमें पता है, भगवान विष्णु ने राजा राम के रूप में अधर्म के विनाश के लिए सातवाँ अवतार लिया था? जब हम भगवान के अवतार के बारे में सोचते हैं, तो अनायास ही ये श्लोक आगे आ जाता है (ये बात विष्णु ने अपने आठवे अवतार म

*Avatar* फिल्म v/s *भारतीय आदिवासी समाज*

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Hollywood   movie   अवतार Avatar ... इसे देखकर सभी को अलग अलग प्रकार की feeling आ सकती है। किसी के लिए यह Love Story हो सकती है, तो किसी को यह पर्यावरण बचाने का संदेश देती प्रतीत हो सकती है... जब मैंने इसे पहली बार देखा तो, मुझे इसकी कहानी आज के भारतीय आदिवासी समाज से कुछ मिलती जुलती या ये कहें कि हूबहू वैसी ही प्रतीत हुई... इस फिल्म में आकाशीय लोग जो पृथ्वी से जाते हैं, पैण्डोरा (Pandora ) नामक ग्रह पर वहाँ की सम्पदा को वहाँ के मूल निवासियों जिन्हें नावी (Navi ) कहते हैं, से छीनकर धरती पर लाना चाहते हैं।  इनकी तुलना कुछ इस प्रकार की जा सकती है... * Avatar * फिल्म v/s * भारतीय आदिवासी समाज * पैण्डोरा ग्रह - भारत का वन क्षेत्र पैण्डोरा ग्रह के लोग - भारतीय आदिवासी पैण्डोरा की सम्पदा - भारतीय वनों में मौजूद सम्पदा आकाशीय लोगों की Company - भारत की सरकार आकाशीय लोगों की सेना - Indian Commandos जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं जैक सलीम - ......... ये किरदार कुछ इसी तरह से मेल खाते हैं।  Note : जैक की जगह अभी तक कोई नहीं ले पाया है। फिल्म की बात कर